गंभीर, अनपेक्षित, असाधारण और अचानक फैलने वाली बीमारियों के मामलों के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय एमरेंजी घोषित की जाती है। इस घोषणा का असर बीमारी से मुख्य रूप से प्रभावित देश के अलावा अन्य देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है और इसके लिए तत्काल अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता होती है। अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी की घोषणा के तहत यूएन स्वास्थ्य एजेंसी कुछ अस्थाई सिफारिशें जारी करती है।
चीन में कोरोनावायरस के मामले लगातार सामने आने के बीच लोग एहतियातन चेहरे पर मास्क लगा रहे हैं। ये अनुशंसाएं बाध्यकारी नहीं होती हैं लेकिन व्यावहारिक व राजनैतिक रूप से ऐसे उपायों के रूप में होती हैं जिनसे यात्रा, व्यापार, मरीज को अलग रखे जाने, स्क्रीनिंग व उपचार पर असर पड़ता है।
साथ ही यूएन एजेंसी इस संबंध में वैश्विक मानक स्थापित कर सकती है। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रोस एडेहेनॉम घेबरेयेसस का कहना है कि मौजूदा हालात में एमरजेंसी घोषित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि इस संक्रमण के चीन से बाहर फैलने का ख़तरा था, विशेषकर, कमजोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों में, जो इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं।
लेकिन स्वास्थ्य संगठन ने अभी ऐसे उपायों की सिफारिश नहीं की है जिनसे यात्राओं और वाणिज्य में अनावश्यक दख़ल हो।